आर्मी पब्लिक स्कूल,गोलकोंडा
कक्षा - आठवीं
विषय - हिंदी
प्रश्न १.
अपठित काव्याँश
गिरती बूँदे तरुओं से छन के॥
चम-चम बिजझम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के।
छम-छम-छम ली चमक रही छिप उर में
घन के॥
थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के॥
(क) कवि ने किस
महीने का वर्णन किया है?
(ख) छम-छम-छम की ध्वनि कहाँ से आती है?
(ग) बिजली कहाँ चमक रही है?
(घ) इन पंक्तियों का उपयुक्त शीर्षक दें।
(ड़) वाक्य रचना १. सावन २. जगत
प्रश्न २. अपठित गद्याँश
तेनालीराम की चतुराई के अनेक किस्से प्रसिद्घ है कहा जाता है कि एक बार राजा
कृष्णदेव किसी कारण तेनालीराम से नाराज़ हो गए। उन्होंने तेनालीराम को दरबार में बुलाया
और क्रोध भरे स्वर में कहा - "तेनालीराम तुम दरबार से चले
जाओ और अब मुझे अपना मुँह ना दिखाना।"अगले ही दिन तेनालीराम
दरबार में उपस्थित हुए।
लेकिन उनका मुँह नकली चेहरे से ढका हुआ था। उन्हें देखकर सभी दरबारी हँसने लगे। राजा की भी दृष्टि
उन पर गई, तो वे
नाराज़ होकर बोले - मैंने तुम्हे मुँह ना दिखाने
का आदेश दिया था, तुम फिर आ गए। यह सुनकर तेनालीराम ने नम्रतापूर्वक कहा -"महाराजा मैंने तो आपके आदेश का पूरा-पूरा पालन किया है।यह देखिए मुँह पर नकली चेहरा लगाकर आया
हूँ, जिससे आप मेरा मुँह ना देख
सके।" यह देखकर सभी दरबारी हँसने
लगे।राज भी अपनी हँसी को ना रोक सके और उनका क्रोध शांत हो गया।
उपर्युक्त गद्याँश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
(क) तेनालीराम
किस राजा के दरबार में थे?
(ख)
राजा ने तेनालीराम से क्या कहा?
(ग)
तेनालीराम कैसे दरबार में आए?
(घ)
"अपना मुँह न दिखाओ" मुहावरे का अर्थ
लिखिए।
(ड़) गद्याँश
का शीर्षक लिखिए।
No comments:
Post a Comment