Thursday 16 April 2020

HINDI VYAKARAN OF CLASS 8

   


   
वर्ण विचार
वर्ण विचार  के अंतर्गत हम वर्ण विचार, वर्णमाला, स्वर स्वर के भेद, व्यंजन व्यंजन के भेद और अयोगवाह के बारे में पड़ेगे |
वर्ण विचारवर्ण / अक्षर भाषा की सबसे छोटी इकाई, जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते, वह वर्ण कहलाती है।
जैसे , , क्, म्, च् आदि
वर्णमाला  वर्णों का व्यवस्थित क्रम वर्णमाला कहलाता है।
हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण है।
वर्णों के प्रकार
स्वर
जिन वर्णों के उच्चारण में दूसरे वर्णों की सहायता नहीं लेनी पड़ती, वे स्वर कहलाते हैं।
  स्वरों की संख्या 11 होती है।
  ‘‘, , , , , , , , , , ’’
स्वर के भेद
हृस्व स्वर  जिन स्वरों के उच्चारण में सबसे कम समय लगता हैं, उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं।
जैसे     , , ,
दीर्घ स्वर  जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से दुगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
जैसे     , , , , , , औ।
 प्लुत स्वर  जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से तिगुना समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वरकहते हैं।
        वर्तमान समय में प्लुतस्वर का प्रयोग केवल उच्चारण में किया जाता है।
जैसे     ओइम, रधियाऽऽऽ
स्वरों की मात्राएँ
मात्रा स्वरों के निर्धारित चिह्न होते हैं, जो व्यंजनों के साथ जुड़कर उनका स्वरूप बदल देते हैं, ये चिह्न मात्राएँ कहलाते हैं।
जैसे
व्यंजन
जो ध्वनियाँ स्वरों की सहायता से बोली जाती है। उन्हें व्यंजन कहते हैं।
जैसे क = क् + अ
व्यंजन के भेद 
स्पर्श व्यंजन  जिन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा मुख के विभिन्न भागों का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं।
        स्पर्श व्यंजन 25 होते हैं।
स्पर्श व्यंजनों का वर्ग एवं उच्चारण स्थान
अंतः स्थ व्यंजन  य्, र्, ल्, व् हैं। इनकों अद्र्ध स्वर भी कहा जाता है।
ऊष्म व्यंजन श्, ष्, स्, ह्
संयुक्त व्यंजन  दो अलग-अलग व्यंजनों के मिलने से जो नया व्यंजन बनता ह, उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
        ये मुख्यतः चार हैं।
जैसे     क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
क् + ष् + अ = क्ष = क्षत्रिय
त् + र् + अ = त्र = त्रिशूल
ज् + ञ् + अ = ज्ञ = ज्ञानी
श् + र् + अ = श्र = श्रीमान

No comments:

Post a Comment